मेरी आखरी बाजी
रेत सी फिसल रही हो, मेरी रूह बन गई हो क्या ? या फिर किस्मत, या उम्मीद, या यकीन , […]
रेत सी फिसल रही हो, मेरी रूह बन गई हो क्या ? या फिर किस्मत, या उम्मीद, या यकीन , […]
जहां दिल तोड़ा है तूने मेरा, वहां की जमीन पत्थर होगी, पानी सूख जाएगा वहा से , जहा तू रकीब
अरसे बीत गए,बचपन चला गया है, जवानी से जी भर चला है, दुनियादारी कर ली है जी भर के, समझदारी
ये जरा सा दुख, ज्यादा लग रहा है क्या, खुशियों में राहु बन ये, हर घड़ी ठग रहा है क्या,
वो जिंदा जल रहा है,इश्क में जो पल रहा है, धड़कने धक धक नहीं चलती उसकी,उसका दिल जब से दहल