KAVITA

नीद

रात आधी आ चुकी,सपनो में जनता जा चुकी,मैं टक टकी निगाह से,बड़ी आशा से बड़े राग से,फोन ले लेटा हुआ,ख़त्म […]

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खरगोश

जो खरगोश कछुए से हरा होगाउसने दिन कैसे गुजारा होगा अपमान सब की नजर में देखा होगाउसने जब भी जिस

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आदमी

जितना दिखता है शानदार आदमीउतना है नहीं ईमानदार आदमी दुनिया की बात और है घर पर भीपहली पसंद नही है

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