जो खरगोश कछुए से हरा होगा
उसने दिन कैसे गुजारा होगा
अपमान सब की नजर में देखा होगा
उसने जब भी जिस ओर निहारा होगा
घर में भी छोटे देख कर मुस्कुराए होंगे
बुजुर्गो ने कुल का कलंक कह कर पुकारा होगा
जितने वाले पर ही है सब की रहमत
हराने वाले का भला कौन सहारा होगा
- विमल