मेरी आखरी बाजी


रेत सी फिसल रही हो,
मेरी रूह बन गई हो क्या ?

या फिर किस्मत,
या उम्मीद, या यकीन ,
या की हिम्मत,

या खुदा !!

तुम मेरी आखरी बाजी में हुई ,
मेरी इकलौती चूक बन गई हो क्या ?

रेत सी फिसल रही हो,
मेरी रूह बन गई हो क्या ?

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