वो जिंदा जल रहा है,
इश्क में जो पल रहा है,
धड़कने धक धक नहीं चलती उसकी,
उसका दिल जब से दहल रहा है,
क्या ये रस्मे रोक पाएंगी मोहब्बत,
क्या भूलेगा कभी, जो मेरा कल रहा है,
मुझे मार डालो, या जिंदा गाड़ डालो,
उसे मैं खोज ही लुंगा, जो कभी मेरा हर पल रहा है,
मेरे हक में वो नहीं, बस यही
जरा नज़रें उठाओ, देखो,
मेरी सिद्दत से वो मेरी किस्मत बदल रहा है.
नज़रें ज़न्नती, रेशमी जुल्फ़ेन ,गुलाबी होठ, रहमती मुस्कान,
बस बात इतनी कभी थी ही नहीं,
वो मेरा इश्क है, मेरी सांस है, मेरी रूह, और मेरी आस है,
या फिर यू कहूं, वो ही मेरी सबसे हसीन गजल रहा है,
वो जिंदा जल रहा है,
इश्क में जो पल रहा है,